वास्ते हज़रत मुराद-ए- नेक नाम       इशक़ अपना दे मुझे रब्बुल इनाम      अपनी उलफ़त से अता कर सोज़ -ओ- साज़    अपने इरफ़ां के सिखा राज़ -ओ- नयाज़    फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हर घड़ी दरकार है फ़ज़ल-ए- रहमान फ़ज़ल तेरा हो तो बेड़ा पार है

 

 

हज़रत  मुहम्मद मुराद अली ख़ां रहमता अल्लाह अलैहि 

 

 हज़रत सय्यद शाह फज़ील कादरी

 

रहमतुह अल्लाह अलैहि

 

मोलफ़ किताब आईना तसव्वुफ़ के मुताबिक़ हज़रत सय्यद शाह फज़ील कादरी रहमतुह अल्लाह अलैहि १४ सिफ़र अलमज़फ़र ८७१ हिज्री बरोज़ चार शंबा सुलतान बुहलूल लोधी के दौर में सिंध में पैदा हुए। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि इंतिहाई परहेज़गार और साहिब करामत बुज़ुर्ग थे।

हज़रत सय्यद शाह फज़ील कादरी रहमतुह अल्लाह अलैहि ने १४ रबी आलाख़र ८८७ हिज्री बवक़्त अस्र हज़रत सय्यद शाह गदा रहमान सानी रहमतुह अल्लाह अलैहि से ख़िलाफ़त हासिल की।

हज़रत शाह फज़ील कादरी रहमतुह अल्लाह अलैहि ने हज़रत सय्यद शाह कमाल रहमतुह अल्लाह अलैहि के वालिद सय्यद उम्र को हज़रत शाह कमाल रहमतुह अल्लाह अलैहि की पैदाइश से काफ़ी मुद्दत पहले एक नामी गिरामी फ़र्ज़ंद की बशारत दी थी जिस का वलाएत में आला मुक़ाम होगा जो वहीद उल-असर होगा। जब शाह कमाल की विलादत हो गई तो शाह फैज़ल कादरी रहमतुह अल्लाह अलैहि तशरीफ़ लाए और बच्चे को गोद में लेकर फ़रमाया कि ये बच्चा हज़रत क़िबला ग़ौस आज़म की इस पीशीनगोई की हूबहू और जीती जागती तस्वीर होगा जो सीना बह सीना चली आरही ही। उन्हों ने सय्यद उम्र को शाह कमाल रहमतुह अल्लाह अलैहि की ख़ुसूसी निगहदाशत और तालीम-ओ-तर्बीयत की हिदायत फ़रमाई।

हज़रत सय्यद शाह फज़ील कादरी रहमतुह अल्लाह अलैहि १७मुहर्रम ९९९हिज्री को इस दार फ़ानी से रुख़स्त हुए।आप का मज़ार ह्यद र आबाद सिंध में वाक़्य है।

नोट:। आप रहमतुह अल्लाह अलैहि के हालात-ए-ज़िंदगी बावजूद कोशिश के कहीं से नहीं मिल सके।क़दीम कुतुब में जो कुछ मिला मैंने लिख दिया। अगर किसी साहिब के पास हूँ तो "राबिता करें" को क्लिक करके हमारे साथ राबिता क़ायम करें और इस कार-ए-ख़ैर में हिस्सादार बने। या नीचे दिए गए ई मेल ऐडरैस पर राबिता करें।

इसरार-उल-हक़

Israr Ul Haq

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